बिलासपुर: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आमागोहन में कर्मचारियों ने संविदा ग्रामीण चिकित्सा सहायक मिथलेश भारद्वाज के खिलाफ मोर्चा खोला



छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ करेगा उच्च अधिकारी से मामले की शिकायत

बिलासपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आमागोहन में संविदा ग्रामीण चिकित्सा सहायक मिथलेश भारद्वाज के खिलाफ कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि प्रभारी उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रही हैं, जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ गया है और काम करने का माहौल बिगड़ गया है।

प्रभारी की नियमित अनुपस्थिति के कारण कर्मचारी मरीजों के आक्रोश का सामना कर रहे हैं। कर्मचारी बताते हैं कि प्रभारी अक्सर अस्पताल नहीं आती हैं, जिसके चलते उन्हें मरीजों का देखभाल करना पड़ता है। इस स्थिति ने कर्मचारियों को इतना परेशान कर दिया है कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजने का निर्णय लिया है।कर्मचारियों का आरोप है कि प्रभारी अक्सर उनके साथ बदसलूकी करती हैं।

जब कर्मचारी इसका विरोध करते हैं, तो हाथापाई की स्थिति तक पहुँच जाती है। इसके अलावा, मिथलेश भारद्वाज कर्मचारियों को अपने ऊँचे पद का हवाला देते हुए धमकियाँ भी देती हैं। कई बार विवाद इतना बढ़ जाता है कि उन्हें जातिवाद के मामले में फंसाने की भी धमकी दी जाती है।

ऐसे माहौल में काम करने के कारण कर्मचारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।कर्मचारियों ने एकजुट होकर इस प्रताड़ना के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने उच्च अधिकारियों और छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ को एक विस्तृत शिकायत पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने प्रभारी के व्यवहार की जानकारी दी है। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है|

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार,-
कर्मचारियों के बढ़ते विरोध को देखते हुए कुछ दिन पहले, प्रभारी ने एक स्थानीय महिला से कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराकर कर्मचारियों की शिकायत करवाने की कोशिश की। इससे यह स्पष्ट होता है कि वह अपने खिलाफ उठते सवालों को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं।

प्रभारी का अवकाश आवेदन भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया गया है कि वह अपने कार्यालय में छुट्टी का आवेदन छोड़कर जाती हैं और अधिकारियों के नहीं आने पर दूसरे दिन अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं। इस प्रथा से उनकी अनियमितता पर सवाल उठ रहे हैं और कर्मचारियों का आरोप है कि यह सब उनके काम को प्रभावित कर रहा है।

यह चाहते है कर्मचारी
कर्मचारी यह चाहते हैं कि उच्च अधिकारी इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और समस्या का समाधान करें ताकि वे बिना किसी डर के अपनी सेवाएँ दे सकें। कर्मचारियों का मानना है कि बिना उचित कार्रवाई के, यह स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे न केवल उनके काम का माहौल प्रभावित होगा, बल्कि क्षेत्र की जनता को भी स्वास्थ्य सेवाओं का नुकसान होगा।

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