भोपाल। प्रसिद्ध गांधीवादी और सर्वोदयी नेता व राष्ट्रीय एकता परिषद के संस्थापक, संयोजक राजगोपाल पी.वी. को जापान के विश्व प्रसिद्ध 40वें निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान राजगोपाल को न्याय और शांति के लिए अहिंसक माध्यमों से उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है.

राजगोपाल को विश्व के 125 देशों से मिले 600 नॉमिनेशंस में से चुना गया. सम्मान का मुख्य समारोह जापान की राजधानी टोक्यो में 11 मई को होगा. इसमें गरीबों और वंचित के पक्ष में अहिंसक संघर्ष की राह पर चलने वाले राजगोपाल को शांति पुरस्कार का प्रमाणपत्र, पदक और 20 मिलियन येन यानी 1.22 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जाएगी. इसकी घोषणा औपचारिक रूप से जापान की निवानो पीस ऑर्गेनाइजेशन ने की है। गांधीवादी और सर्वोदयी नेता एसएन सुब्बाराव के साथ चंबल के दस्युओं के आत्मसमर्पण और उन्हें मुख्य जीवन धारा से लाने में पीवी राजगोपाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. एकता परिषद जनसंगठन के संस्थापक रह चुके राजगोपाल ने प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल और जमीन पर गरीबों के अधिकार के लिए देशभर के कई प्रांतों व राष्ट्रीय स्तर पर सत्याग्रह पदयात्राएं की. वंचितों के अधिकार को अहिंसात्मक व शांतिपूर्ण तरीके से राज्य व केन्द्रीय सरकारों के समक्ष उठाकर नीतिगत बदलाव के लिए प्रयास किया है. एकता परिषद संगठन में राजगोपाल के मुख्य सहयोगी अनीष थिलंकेरे के अनुसार संगठन की ओर राजगोपाल ने देश व विदेश के हजारों युवाओं को शांति व अहिंसा पर प्रशिक्षित कर शांति कार्यकर्ताओं की लम्बी फौज खड़ी की है, जो गांव-गांव में वंचित समुदाय और महिलाओं के अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से कार्य कर रही है।
