छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजगीत का पाठ कर संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण के लिये तृतीय दिवस अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी मातृ शक्तियों के द्वारा हाथों में मेहंदी रचाकर सरकार के वादाखिलाफी का विरोध किया गया
2018 चुनाव पूर्व जुलाई माह में कांग्रेस पदाधिकारियों ने हड़ताली मंच में जाकर नियमित करने की थी घोषणा
रायपुर 3 जुलाई 2018 में संविदा कर्मचारी अपने नियमितिकरण के लिए संघर्षरत थे। उस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता हड़ताली मंच में जाकर कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया था और इनकी मांगों को 2018 के कांग्रेस जन घोषणा पत्र में शामिल किया था। इन वादों के 5 साल बीत गए हैं किंतु सरकार की संविदा कर्मचारियों को लेकर मंशा स्पष्ट नहीं दिखाई देती यह एक बड़ा प्रश्न संविदा कर्मचारियों ने दूसरे दिन हड़ताली मंच पर उठाया है।

बिलासपुर जिला अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने बताया कि खेल मैदान बिलासपुर में संविदा कर्मचारी की भीड़ देख सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करने की जरूरत है वरना यह आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जायेगा।
सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों से साढ़े चार साल में सरकार की तरफ से संवादहीनता की स्तिथि है रथयात्रा में 33 कलेक्टर को ज्ञापन और कई कांग्रेस विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी संवाद कायम नहीं किए यह लोकतंत्र में चिंताजनक एवं दुखद है। सरकार अपने वादे अनुरूप हमें नियमितिकरण पर स्पष्ट रूप से मंशा जाहिर करे।हड़ताल के दौरान विशेष रूप से प्रदेश के प्रमुख मनरेगा महासचिव सुनील मिश्रा सरगुजा, अजय क्षत्रिय सचिव मुंगेली, एवं जिला संयोजक संजय काठले कवर्धा भी शामिल हुए।

महासंघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष नवनीत कौशिक और मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस के कई बड़े नेता के अलावा सरकार के मुखिया के नाते माननीय मुख्यमंत्री महोदय विधानसभा में या अन्य मीडिया माध्यमों में नियमितीकरण की अपनी बात तो कहते हैं किंतु आज तक इस पर किसी भी प्रकार का ठोस अमल नहीं किया गया ।
महासंघ के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी राजकुमार यादव ने कहा कि सरकार को हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते है कि सरकार अपने उत्तरदायित्व से मुकर रही है। अभी भी समय है अपने अंतिम बजट अनुपूरक बजट में सरकार हम संविदा कर्मचारियों से किया हुआ वादा पूरा करे।
विनीत
श्याम मोहन दुबे
ज़िलाध्यक्ष
सर्व विभागीय संवीदा कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश
