डॉ गुप्ता नदारत,आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र के मरीज परेशान, खंड चिकित्सा अधिकारी के चेतावनी भरे पत्र

पोस्टमार्टम दूसरे स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे


बिलासपुर। प्रदेश में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर केवल कागजों में ही काम चल रहा है। वास्तविकता यह है कि यहां पदस्थापना के बावजूद डॉक्टर काम पर नही आ रहे हैं। जिसके कारण बेहतर उपचार के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर पर स्थित है। आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र होने के कारण शासन के द्वारा इलाज के लिए इस स्वास्थ्य केंद्र में पूरा सेटअप भी तैयार किया गया है। क्षेत्र के मरीजों के इलाज के लिए यहां एमबीबीएस डॉक्टर स्पर्श गुप्ता का पदस्थापना किया गया है। डॉ स्पर्श गुप्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ड्यूटी पर नहीं आते जिससे क्षेत्र की जनता को इलाज के लिए शहर की ओर रुख करना पड़ता है। डॉ स्पर्श गुप्ता के इस रवैया से आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र में मरीजों के इलाज के लाले पड़े हुए हैं। क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए मोटी रकम खर्च कर निजी हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के कारण थाने में एमएलसी के लिए भी आवेदकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा लगभग 30 किलोमीटर दूर लेकर जाना पुलिस वालों की भी अब मजबूरी हो गई है। क्षेत्र में पोस्टमार्टम के लिए भी गरीब ग्रामीणों को कोटा का चक्कर काटना पड़ता है। डॉ स्पर्श गुप्ता कि इस लापरवाही से अब मरीजों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ऊपर से भरोसा उठते ही जा रहा है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने डॉ स्पर्श गुप्ता की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों को भी की है उच्च अधिकारि द्वारा भी इनके रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है। जनप्रतिनिधियों द्वारा डॉ के इस रवैये से परेशान होकर 27 फरवरी को खंड शिक्षा अधिकारी से भी इनकी शिकायत की गई जिस पर खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा भी पत्र जारी कर इन्हें कार्य पर उपस्थिति होने एवं मुख्यालय में निवास बनाकर रहने आदेशित किया गया है । अब देखना यह है कि यह आदेश केवल कागजों पर सिमट कर रह जाता है या फिर क्षेत्र की जनता की इस समस्या से आजादी मिलती है।

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