बिलासपुर। नेहरू चौक के पास पुराने बस स्टॉप को “नेकी की दीवार” में बदलने के बाद ऐसा लगता था कि यहां से गरीबों को बिना जिल्लत-जलालत के जरूरत का सामान मिलने लगेगा। शहर के लोग यहां आकर अपने अच्छे और पुराने कपड़े, चादर और कुछ सामान छोड़ जाते थे…उन गरीबों के लिए जिन्हें इनकी जरूरत हुआ करती थी।

कुछ दिन तक तो शायद सब ठीक चला होगा। लेकिन देखने में आ रहा है कि अब इस नेकी की दीवार के साथ लोग नेकी नहीं करने पर उतारू हो गए हैं। यहां शहरवासी गरीबों के लिए जो कपड़े छोड़ जाते हैं। उन्हें मोटर गाड़ियों के गैरेज वाले मैकेनिक अपने साथ ले जाते हैं। और गैरेज में आने वाली गाड़ियों को पोंछने के काम में ला रहे हैं।। इसी तरह बीते कुछ दिनों से सुबह के समय यहां मौजूद कपड़ों को जलाकर आग सेकने का एक नया शर्मनाक सिलसिला चल रहा है। लोग रोज यहां गरीबों के लिए कपड़े और दूसरे वस्त्र छोड़ जा रहे हैं। जो आग ताप ने वालों और गैरेज मिस्त्रियों के कारण गायब हो जाते हैं।
