बिलासपुर। खाली पड़े शासकीय भूमि पर भू माफियाओं का कब्जा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा बार बार सीमांकन की मांग करने के बावजूद तहसीलदार के आदेश को भी आर आई दरकिनार करते हुए फाइल दबा कर बैठा हुआ है और रसूखदार को माफियाओं को संरक्षण दे रहा है। ताजा मामला रतनपुर के ग्राम पंचायत कर्रा का है। यहां खसरा क्रमांक 18/1 शासकीय भूमि मौजूद है। जिसका रकबा 19.690 है देश की चौहद्दी दर्ज है। लेकिन बिन्नू खैरवार द्वारा 18 /1 रकबा 19.690 हेक्टेयर में से अपने नाम पर मिले पट्टा भूमि से लगभग 3.00 एकड़ भूमि को अवैध कब्जा कर लिया गया है। तथा पक्का ढाबा का भी निर्माण कर दिया गया है।

जिसके कारण गांव में आए दिन विवाद हो रहा है। इस बात का उलेख करते हुवे ग्राम पंचायत कर्रा के सरपंच और ग्राम वासियों ने उक्त शासकीय भूमि का सीमांकन आवेदन तहसील कार्यालय रतनपुर में किया है। सीमांकन के पश्चात आवेदन पर उक्त भूमि के कब्जे को खाली कराने की मांग की गई है । ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त आवेदन को मध्य नजर रखते हुए तहसीलदार ने भी उक्त शासकीय भूमि पर सीमांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने आदेश किया है । लेकिन राजस्व निरीक्षण के लेट लतीफ के कारण कब्जे को हटवाने में दिक्कत हो रही है । राजस्व निरीक्षण की इस लापरवाही से शासकीय भूमि पर कब्जा करने वाले भूमाफिया को चपोरा के राजस्व निरीक्षक द्वारा संरक्षण प्राप्त है ऐसा प्रतीत हो रहा है। यही कारण है कि ग्राम पंचायत के निवासी और जनप्रतिनिधि के आक्रोश के बाद भी चपोरा राजस्व निरीक्षक द्वारा तहसीलदार के आदेश का अवहेलना करते हुए आज दिनांक तक उक्त शासकीय भूमि का सीमांकन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते लगातार अवैध कब्जा हो रहे हैं

शासकीय वन भूमि पर बना दिया ढाबा
रसूखदारों द्वारा शासकीय भूमि जो कि वन भूमि है उस पर भी कब्जा करते हुए सर्व सुविधा युक्त ढाबा का निर्माण कर दिया है। जिसके चलते वन भूमि पर कब्जा है और आसपास के बचे हुए शासकीय वन भूमि पर भी लगातार कब्जा हो रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारी इन कब्जों को दूर करने में असफल है। यहां तक के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाराजगी और राजस्व संबंधी मामलों को तत्काल निपटारा करने के आदेश को भी दरकिनार करते हुए सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है।