सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर बनाया जाता है वीडियो, युवक ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से की शिकायत

युवक ने जेल में निरुद्ध अपनी मौसी के हवाले से की शिकायत, लिखा- जेल की दो महिला स्टाफ द्वारा हर महीने की जाती है रुपयों की डिमांड, नहीं देने पर किया जाता है अमानवीय व्यवहार

अंबिकापुर. – सेंट्रल जेल अंबिकापुर में निरुद्ध महिला बंदियों से अमानवीय व्यवहार किए जाने की शिकायत एक युवक ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, गृह विभाग के सचिव, जेल विभाग के महानिदेशक, सरगुजा कलेक्टर व केंद्रीय जेल अंबिकापुर के अधीक्षक से की है। युवक का कहना है कि उसकी मौसी पिछले 6 माह से एक मामले में केंद्रीय जेल में निरुद्ध है, उसने वहां की आंखों देखी बात अपनी बहन व जीजा को बताई है।

शिकायत में अंबिकापुर ब्लॉक के ग्राम मुड़ेसा निवासी कमलेश कुमार साहू ने बताया कि वह और उसका परिवार मौसी से मिलने समय-समय पर सेंट्रल जेल जाता है। उसकी मौसी ने बताया है कि जेल में ड्यूटीरत एक महिला अधिकारी व महिला जेल प्रहरी को हर महीने पैसा देना पड़ेगा।
यदि किसी महिला बंदी द्वारा रुपए देने से मना किया जाता है तो उनके द्वारा उससे अमानवीय व्यवहार किया जाता है। वे महिला नंबरदारों से महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर अमानवीय व्यवहार करती हैं। यही नहीं, महिला अधिकारी इस कृत्य का अपने मोबाइल पर वीडियो बनाती है।

वह यह कहती है कि यह वीडियो वह उसके विपक्षियों को भेज देगी। उसने बताया कि ऐसा मेरे साथ न हो, इसलिए उन्हें भी हर महीने पैसे देने पड़ेंगे, तभी वह जेल में शांति से रह पाएगी और ठीक-ठाक खाना मिल पाएगा।

जांच की मांग

शिकायत में युवक ने कहा है कि उसकी मौसी से जो गुनाह हुआ है उसकी सजा तो उसे मिलेगी, लेकिन जेल में महिला बंदियों से ऐसा कृत्य मानव अधिकार का उल्लंघन है। उसने मामले की जांच की मांग की है।

मेरे पास नहीं आई है शिकायत

मेरे पास ऐसी शिकायत नहीं आई है, यदि किसी को शिकायत करनी है तो मेरे पास आकर करे। जेल में मोबाइल सभी के लिए प्रतिबंधित है।
योगेश सिंह, अधीक्षक, सेंट्रल जेल अंबिकापुर

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