केंद्र सरकार देशभर में खोलेगी एक हजार खेलो इंडिया केंद्र, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष फोकस

भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है। देश के कई प्रतिभावानी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना करिश्मा दिखा चुके हैं। खेल जगत भी इससे अछूता नहीं रहा है। देश के खिलाड़ियों में प्रतिभा का भंडार है और इस बात को वर्तमान केंद्र सरकार भली-भांति जानती समझती है। यही वजह है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश में खेलों को अत्यधिक बढ़ावा दे रही है। यह सिलसिला पिछले 8 साल से चला आ रहा है।

इसी क्रम में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार 15 अगस्त तक 1,000 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बना रही है। उन्होंने आगे बताया कि हमारा लक्ष्य प्रत्येक जिले में कम से कम एक खेलो इंडिया केंद्र शुरू करना है।

देश के एथलीटों को मदद मुहैया करा रही सरकार

जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार टॉप्स योजना के जरिए देश के एलीट एथलीटों को सब कुछ मुहैया करा रही है। खेलो इंडिया से मान्यता प्राप्त अकादमियों में सरकार चयनित खिलाड़ियों के लिए बहुत अधिक खर्च कर रही है, जो ज्यादातर गांवों से हैं। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में, कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड टूट गए। खेलो इंडिया के कुछ प्रतिभागी अब राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और देश के लिए पदक जीत रहे हैं।

जमीनी स्तर पर खेलों को दिया जा रहा बढ़ावा

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे बताया कि जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना राज्य सरकारों की बुनियादी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारी जल्द ही विभिन्न राज्य सरकारों के खेल मंत्रियों की बैठक आयोजित करने की योजना है। इस महीने के अंत तक हम सभी राज्यों के खेल मंत्रियों की बैठक की योजना बना रहे हैं, जहां हर राज्य को ज्ञान साझा करने का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। खिलाड़ियों के आधुनिक विकास के लिए आज देश भर में 360 स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर है और इसके अलावा देश में 25 उत्कृष्टता केंद्र, 100 राष्ट्रीय उत्कृष्ट अकादमी और 1,000 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

खेलों के लिए बढ़ाया बजट

केंद्र सरकार का ध्यान खेलों को बढ़ावा देने पर है। 2014 में 900 करोड़ का खेल बजट को बढ़ाकर 3,397 करोड़ कर दिया गया है। यहां तक कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने खेलों को प्रगति की राह पर ले जाने के लिए सबसे पहले खेल बजट को बढ़ाना जरूरी समझा है। यानि वर्तमान केंद्र सरकार खेलों में भी भारत को आगे रखना चाहती है इसलिए खेल सुविधाओं को बढ़ाने हेतु बजट बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं।

प्रतिभाओं को तराशा जा रहा है

खेलो इंडिया अभियान के जरिए प्रतिभाओं की तलाश के अलावा उनके हुनर को और ज्यादा अच्छे ढंग से तराशने का काम किया जा रहा है। इन प्रतिभाओं को चुनने के बाद विभिन्न अकादमियों में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। केंद्र सरकार इस अभियान को देश के कोने-कोने में पहुंचाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा हमारे देश के देहात गांव के उन खिलाड़ियों को मिला जो प्रतिभावान तो हैं लेकिन लंबे समय से सुविधाओं के अभाव में पिछड़ते आ रहे थे। अब ये खिलाड़ी भी केंद्र सरकार से मिली तमाम सुविधाओं का लाभ लेते हुए खेलों में बेहतरीन रिजल्ट भी दे रहे हैं। यही वजह है कि खेलों के तमाम वैश्विक मंचों पर इससे देश का मान-मनोबल काफी अधिक बढ़ गया है। वहीं अब भारतीय खिलाड़ी भी दुनिया में अपनी नई पहचान बनाने में कामयाब हो रहे हैं।

खेलो इंडिया अभियान

खेलो इंडिया राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम है, जो खेलों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह खेलों के लिए मैदानों के विकास, सामुदायिक कोचिंग विकास आदि जरूरतों को पूरा करते हैं। इस योजना के तहत विभिन्न फिट इंडिया कार्यक्रमों के माध्यम से शारीरिक फिटनेस और खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। पीएम मोदी ने भी युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्‍साहित करने और विश्‍व पटल पर भारत को एक उभरती हुई खेल शक्ति के रूप में स्‍थापित करने का जिक्र किया था। पिछले 8 वर्षों में युवाओं में खेल के प्रति रूचि बढ़ी है इसके अलावा खेलों में प्रतिभागिता को लेकर समाज की सोच में भी व्‍यापक बदलाव देखने को मिला और यह खेलो इंडिया अभियान के जरिए ही संभव हो सका है।

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