गौरैया संरक्षण:आगे आए राज्यसभा सांसद बृजलाल,पीएम ने कहा-आपकी कोशिश सबको प्रेरित करेगी

पीएम मोदी ने गौरैया-संरक्षण के लिए राज्यसभा सांसद बृजलाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “बहुत खूब! आपका यह प्रयास हर किसी को प्रेरित करेगा।” राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने ट्विटर पर शनिवार को एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि हमारे आवास में गौरैया। उन्होंने आगे बताया कि उनके आवास में 100 से अधिक गौरैया हैं, जिसपर पीएम मोदी ने उनके ट्वीट को पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की।



50 से ज्यादा घोंसले

राज्यसभा सांसद बृजलाल ने बताया कि हमारे आवास में गौरैया। मैंने 50 घोंसले लगाए हुए हैं और गौरैया ने अंडे देनें शुरू कर दिये हैं।आवास में 100 से अधिक गौरैया हैं। मैं गौरैया के लिए हमेशा बाजरा, काकुन और चावल के टुकड़े खिलाता हूँ। उन्होंने लोगों से अपील करते कि गर्मी आ गई है, घर में चिड़ियों के लिए पानी रखना न भूलें। उन्होंने आगे लिखा कि मालूम हो कि गौरैया घरेलू प्रजाति की एक चिड़िया होती है, जो काफी तेजी से देश में विलुप्त हो रही है, ऐसे में गौरैया-संरक्षण जरूरी है।




20 मार्च को मनाया जाता है गोरैया दिवस

गौरैया संरक्षण को ध्यान में रखते हुए और इनके बारे में जागरूकता बढाने के लिए 2010 से प्रतिवर्ष 20 मार्च को गोरैया दिवस मनाया जाता है। गौरैया की संख्या में बहुत तेजी से कमी आ रही है। पूरे यूरोप में सामान्य रूप से दिखाई पड़ने वाली इन चिड़ियों की संख्या लगातार घट रही है। स्थिति इतनी गंभीर है कि नीदरलैंड ने इन्हें रेड लिस्ट में रखा है। और वहीं ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चेक गणराज्य, बेल्जियम, इटली तथा फिनलैंड के शहरी इलाकों में दर्ज की गई है। वर्तमान में गौरैया की आबादी में 60 से 80 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है।

कैसे बचाए गौरैया को ?

गौरैया को बचाना दरअसल पर्यावरण को बचाना है। जिस तेजी के साथ गौरैया विलुप्त हो रही है ऐसे में जरूरी है कि गौरैया संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयास और तेजी से किए जाएं, इसलिए जरूरी है कि गौरैया को वापस बुलाने के लिए घर की छत पर दाना और पानी रखें, घर के आस-पास पेड़-पौधे लगाएं। साथ ही कृषि में कीटनाशकों का उपयोग कम किया जाए और जगह-जगह बर्ड हाउस स्थापित किए जाएं।

पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए जरूरी

गौरैया पक्षी पारिस्थितिक तंत्र के एक हिस्से के रूप में हमारे पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है। गौरैया अल्फा और कटवर्म नामक कीड़े खाती है, जो फसलों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। गौरैया पक्षी पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ यह किसान की भी मित्र है। गौरैया का पर्यावरण पर भी सीधा असर पड़ता है। यह ऐसा पक्षी है, जो मनुष्य यानी मानव आबादी के साथ ही रहना पसंद करती है।

गौरैया संरक्षण के लिए देशभर में किए जा रहे प्रयास

वर्तमान समय में विश्व स्तर पर गौरैया पक्षी के संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ‘Save Sparrow App’ लॉन्च किया गया था। वहीं एनएफएस द्वारा गुजरात के अहमदाबाद में ‘गौरैया पुरस्कार’ की घोषणा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य गौरैया संरक्षण है।

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