जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा पर्व “आत्म शुद्धि का दसलक्षण पर्वाधिराज पर्युषण पर्व हुआ प्रारम्भ

एफ.के.फारूकी की खबर

प्रातः पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गौरेला में मुरैना से आए ब्रम्हचारी भैया जी एवम कटनी से भजन गायक प्रगति जैन एवम उनकी टीम के सानिध्य में संगीतमय अभिषेक शांतिधारा एवम पूजा अर्चना में सम्पूर्ण जैन समाज भक्ति रस में डूबी हुई थी

आज प्रथम दिवस- उत्तम छमा दिवस

1)उत्तम क्षमा : ‘उत्तम क्षमा जहां मन होई, अंतर बाहर शत्रु न कोई।’-🔸अर्थात्‌ उत्तम क्षमा को धारण करने से जीवन की समस्त कुटिलताएं समाप्त हो जाती हैं तथा मानव का समस्त प्राणी जगत से एक अनन्य मैत्रीभाव जागृत हो जाता है।

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