एफ के फारुखी – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को सुलभ एवं सरल बनाने के लिए तुहंर सरकार तुहंर द्वार का शुभारंभ किया गया ।इसी तारतम्य में जिला गौरेला -पेंड्रा -मरवाही में आठ परिवहन सुविधा केंद्रों की स्थापना की गई

जहां पर लर्निंग लाइसेंस के साथ-साथ परिवहन संबंधित सेवाओं की सुविधा प्राप्त हो सके दूरदराज से ग्रामीणों को लर्निंग लाइसेंस के लिए जिला कार्यालय आने की आवश्यकता न पड़े । उनका लर्निंग लाइसेंस परिवहन सुविधा केंद्र पर ही बन जाए। परंतु लर्निंग लाइसेंसधारी को परमानेंट लाइसेंस के लिए जिला परिवहन कार्यालय आना ही पड़ेगा।
अब यहां पर लेन देन का खेल प्रारंभ होगा आपको मेडिकल टेस्ट कराने कहा जाएगा और बताया जाएगा इसके लिए आपको बिलासपुर जाना होगा हमारे जिले में परमानेंट लाइसेंस के लिए मेडिकल टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है तरह – तरह का प्रोपेगंडा कर आपको रूपए देने के लिए विवश कर रूपए की मांग की जाएगी और कहा जाएगा आपको कुछ नहीं करना पड़ेगा हम सब करवा देंगे यदि आपने पैसे देने में असमर्थता जताई तो समझो आपका लाइसेंस बन चुका यदि आपने रूपए दे दिए तो न हीआपका मेडिकल टेस्ट होगा और ना ही ड्राइविंग टेस्ट देना होगा आपका परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बड़े आसानी से आपको मिल जाएगा हाल ही में एक मामला सामने आया जहां पर जिला परिवहन कार्यालय में लोगों से रूपए लेने का मामला उजागर हुआ जिला परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एक समाचार पत्र के संवाददाता पहुंचे वहां पर भरत साहू नामक व्यक्ति ने लाइसेंस बनाने के एवज पर ₹3500 की मांग की और कहा कि आपका लाइसेंस बन जाएगा विचारणीय बात यह है कि राज्य शासन की महती योजना तुहांर सरकार तुहांर द्वार की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही हैं
इन्हें शासन प्रशासन का जरा भी खौफ नहीं है मीडिया कर्मी से ही पैसों की मांग कर डाली । इससे बड़े आसानी से समझा जा सकता है कि जिला परिवहन कार्यालय में किस प्रकार से बड़े पैमाने पर रूपयों के लेन देन का खेला जोरों पर चल रहा है ।आपको किसी भी प्रकार की परिवहन सेवा चाहिए तो रूपए दीजिए सुविधा लीजिए कोई नियम कायदा कानून आपके आड़े नहीं आएगा ऐसे मामलों में विभाग के आला अधिकारियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता मिलीभगत से ही इस प्रकार के कार्य को अंजाम दिया जा सकता है इन सभी मामलों की लिखित शिकायत माननीय कलेक्टर महोदया से की गई है अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेकर इस पर क्या कार्यवाही करता है ।
