पेंशन योजना के नियमों में उलझे एलबी संवर्ग के एक लाख 60 हजार शिक्षक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नई और पुरानी पेंशन योजना की शर्तों के चलते प्रदेश के करीब 10 हजार शिक्षक पेंशन योजना से वंचित हो जाएंगे। एलबी संवर्ग के करीब डेढ़ लाख शिक्षकों को अल्प पेंशन ही मिल पाएगी। एक लाख 60 हजार शिक्षक राज्य सरकार की पेंशन योजना का पूरा लाभ नहीं उठा पाएंगे। दरअसल, राज्य शासन ने पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए 2018 से पेंशन देने की पात्रता बनाई है, जबकि इन शिक्षकों की भर्तियां 1998 से लगातार होती रही है। ऐसे में कुछ शिक्षकों की 20 वर्ष की सेवा शून्य हो रही है।
2018 से पेंशन गणना की पात्रता होने से पेंशन प्राप्ति के लिए 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य है, जो 2028 में ही पूरी होगी। ऐसे में 2028 से पूर्व रिटायर होने वाले एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पेंशन की पात्रता नहीं होने के कारण वह पुरानी पेंशन योजना से बाहर हो रहे हैं। इनकी संख्या 10 हजार है। इनमें ज्यादातर जनगणना शिक्षक हैं, जिन्हें शिक्षाकर्मी बनाया गया था।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्ण सेवा गणना शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा का सही क्रियान्वयन नही हो रहा है। पांच राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में पुरानी पेंशन योजना लागू की है।

पेंशन पर अधिकारी-कर्मचारियों का राजधानी में हल्ला बोल
नई और पुरानी पेंशन नीति को लेकर कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन की रणनीति बना ली है। 20 फरवरी को राजधानी में 1.80 लाख शिक्षकों ने जंगी प्रदर्शन की घोषणा कर दिया है। वहीं कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के बैनर तले राजधानी में 15 फरवरी को बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन होगा। चार अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों ने इस आंदोलन के लिए शिक्षक मोर्चा का गठन कर दिया है। इसमें प्रथम नियुक्ति से सेवा गणना, पूर्ण पेंशन, वेतन विसंगति, क्रमोन्न्ति पदोन्न्ति आदि मांगें शामिल रहेगी। कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि 15 फरवरी को प्रदेशभर के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन में जुटेंगे। राजधानी के बूढ़ातालाब स्थित धरना-स्थल पर प्रदर्शन किया जाएगा।