शिक्षा मंत्रालय ने अपनी प्रमुख योजना ‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया’ (PM SHRI) के लिए देश भर में लगभग नौ हजार स्कूलों को चुना है। इस संबंध में मंत्रालय ने बताया कि इन्हें केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित दो लाख पचास हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में से चुना गया है। इनकी चयन प्रक्रिया के लिए पाठ्यक्रम, पहुंच और बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और लैंगिक समानता सहित कुल छह व्यापक मापदंडों का आकलन किया गया था।

2.5 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में से हुआ इनका चयन
पीएम श्री का दर्जा पाने के लिए आवेदन के योग्य पाए गए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों समेत कुल 2.5 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में से इन स्कूलों को चुना गया है। ऐसे में चुने गए इन स्कूलों के साथ-साथ यहां पढ़ने वाले छात्रों की किस्मत भी चमकने वाली है क्योंकि यह पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को कई सुविधाएं मिलने वाली हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं…
14,500 स्कूलों को आधुनिक व बेहतर बनाने का है लक्ष्य
पीएम श्री केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक नई योजना है। इस योजना के तहत 14,500 स्कूलों को आधुनिक व बेहतर बनाया जाएगा। इसमें छात्रों को गुणवत्ता और नवाचार जैसे शिक्षा-प्राप्ति को बेहतर बनाने की योजना, समग्र प्रगति कार्ड, अभिनव शिक्षाशास्त्र, इनोवेटिव अध्यापन, बिना स्कूल बैग वाले दिन, स्थानीय कारीगरों के साथ इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण आदि में मदद मिलेगी। वहीं आरटीई अधिनियम के तहत लाभार्थी उन्मुख पात्रता वाले शत-प्रतिशत पीएम श्री स्कूलों को विज्ञान और गणित के किट मिलेंगे। केवल इतना ही नहीं वार्षिक स्कूल अनुदान के रूप में समग्र स्कूल अनुदान, पुस्तकालय अनुदान, खेल अनुदान इत्यादि का लाभ प्राप्त होगा।
इसके अलावा बाल वाटिका और मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सहित प्रारंभिक बचपन की देखभाल व शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। लड़कियों और सीडब्ल्यूएसएन के लिए सुरक्षित एवं उपयुक्त बुनियादी ढांचे के प्रावधान सहित समानता और समावेश पैदा करने में सहायता मिलेगी। छात्रों के लिए प्रस्तावित विषयों के चुनाव में लचीले रुख को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। शिक्षकों और छात्रों के बीच भाषा की बाधाओं को पाटने में मदद मिलेगी। इसके लिए तकनीकी उपायों का उपयोग करते हुए मातृभाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। डिजिटल शिक्षा शास्त्र का उपयोग करने के लिए आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी, पीएम श्री स्कूलों को शत-प्रतिशत आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल पहल के तहत कवर किया जाएगा और मौजूदा अवसंरचना को मजबूत किया जाएगा।
क्या है पीएम श्री ?
‘पीएम श्री’ यानि प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया जो कि केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य सरकारों की ओर से संचालित सरकारी विद्यालयों को अपग्रेड करके आदर्श विद्यालयों में तब्दील करना है। इन स्कूलों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ उनको कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। देशभर के कुल 14,500 से अधिक स्कूलों को योजना के तहत विकसित किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों का करेंगे प्रदर्शन
पीएम श्री योजना की मदद से तैयार होने वाले ‘पीएम श्री स्कूल’ आगे चलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सभी घटकों का प्रदर्शन करेंगे, अनुकरणीय स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे और अपने आसपास के अन्य स्कूलों को सहायता व मार्गदर्शन भी प्रदान करेंगे। ऐसे में पीएम श्री स्कूल छात्रों के संज्ञानात्मक विकास व गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए बेहद अहम साबित होने वाले हैं। ‘पीएम श्री स्कूल’ 21 वीं सदी के महत्वपूर्ण कौशल से युक्त समग्र और पूर्ण-विकसित व्यक्तियों का निर्माण और उनका पोषण करने का प्रयास करेंगे।
पीएम श्री स्कूलों की योजना (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया–उभरते भारत के लिए पीएम स्कूल) को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जा रहा है, जिसकी कुल परियोजना लागत 27,360 करोड़ रुपये है। कुल परियोजना लागत में वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 18,128 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है।
पीएम श्री स्कूल की प्रमुख विशेषताएं:
• पीएम श्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे, समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे और निकटवर्ती स्कूलों को मार्गदर्शन व नेतृत्व प्रदान करेंगे। वे अपने-अपने क्षेत्रों में एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में नेतृत्व प्रदान करेंगे, जो विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ध्यान रखती है और एनईपी 2020 के विजन के अनुरूप उन्हें सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाती है।
• पीएम श्री स्कूल मार्गदर्शन प्रदान करके अपने संबंधित क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को नेतृत्व प्रदान करेंगे।
• सौर पैनल और LED लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और जल संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं या प्रथाओं का अध्ययन, जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैकथॉन और जैविक जीवन शैली को अपनाने के लिए जागरूकता जैसे पर्यावरण-अनुकूल पहलुओं को शामिल करने वाले ग्रीन स्कूलों के रूप में पीएम श्री स्कूलों को विकसित किया जाएगा।
• इन स्कूलों में अपनाया गया शिक्षाशास्त्र अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल-खिलौना आधारित (विशेषकर, प्राथमिक वर्षों में) उत्सुकता आधारित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीला और मनोरंजक होगा।
• प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों पर ध्यान दिया जाएगा। सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ, वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग और योग्यता पर आधारित होगा।
• प्रत्येक क्षेत्र (डोमेन) के लिए उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयुक्तता और उपयोग के संदर्भ में उपलब्ध संसाधनों और उनकी प्रभावशीलता एवं उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का आकलन किया जाएगा और कमियों को व्यवस्थित व योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
• रोजगार क्षमता बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ संपर्क।
• परिणामों को मापने के लिए प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को निर्दिष्ट करते हुए एक स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन फ्रेमवर्क (एसक्यूएएफ) भी विकसित किया गया है। अपेक्षित मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर इन स्कूलों का गुणवत्ता मूल्यांकन किया जाएगा।
18 लाख से अधिक छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ होने की उम्मीद
इस योजना से 18 लाख से अधिक छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके अलावा पीएम श्री स्कूलों के आसपास के स्कूलों पर भी मार्गदर्शन और सहयोग के माध्यम से प्रभाव पड़ेगा।