अच्छी पहल :सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए चंडीमंदिर से उतारी गई पवित्र 786 पताका

मंदिर के गर्भगृह से बाबा सैयद शाह के पताके को उतारने से पहले राज परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने मां चंडी की विशेष पूजा-अर्चना की, इसके बाद यहां लहरा रहे है रे ध्वज को उतारा किया और मुस्लिम समाज को सौंप दिया गया,पढ़िए पूरी खबर…

गुंडरदेही इसी चंडी मंदिर में 100 साल से लगा बाबा सैयद शाह का 786 पताका आज उतार लिया गया मंदिर के गर्भगृह से बाबा सैयद शाह के पताके को उतारने से पहले राज परिवार के छह सदस्यों और स्थानीय लोगों ने मां चंडी की विशेष पूजा अर्चना की इसके बाद यहां लहरा रहे है हरे ध्वज को उतारा गया और मुस्लिम समाज को सौंप दिया गया पताका निकालने समय किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई मंदिर के सदस्यों ने ही बाबा के पताके को उतारा और मुस्लिम समाज को सौंप दिया गया

बता दें कि लगभग 1 महीने पहले संघ के मुखपत्र पांचजन्य के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से इस मंदिर के गर्भगृह की तस्वीर पोस्ट किया गया, इसके बाद ही विवाद शुरू हुआ था ,इसके बाद कई हिंदू संगठन एक्टिव हुए और सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी बहस शुरू हुई इससे इलाके की शांति और हिंदू-मुस्लिम सौहार्द खतरे में पड़ता जान पड़ा

इस मामले में राजनीति गलत

मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सलीम खान ने कहा कि पवित्र 786 पताका उतारने पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है दिक्कत तो उन्हें हैं जिन्होंने यह काम किया उन्होंने इस मामले पर राजनीति करने वालों को गलत ठहराया और कहा कि अगर आज ठाकुर निहाल सिंह जीवित होते तो ऐसा नहीं करने देते


सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में ना आए

मुस्लिम समाज ने कहा कि हम तो केवल यही अपील करते हैं कि कि किसी की भी धर्म का युवा इसी भी सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में ना आए हमेशा हिंदू मुस्लिम एक दूसरे का साथ देते रहें हम बस यही चाहते हैं बाहरी ताकते जितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हमारे गुंडरदेही में हिंदू मुस्लिम भाइयों के बीच एकता और अखंडता है वह हमेशा बनी रहे


आपकी समन्वय से हुई पहल

पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद,राजपरिवार के सदस्य और पूर्व विधायक राजेंद्र राय एवं मुस्लिम समाज की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया कि यहां से 786 का पता लापता का निकाला जाएगा अब शुक्रवार को सम्मानित पताका उतारकर मुस्लिम समाज को दे दिया गया है

रामसागर तालाब से निकली मूर्ति और चांद

स्थानीय लोगों का कहना है कि चंडी माता की मूर्ति स्थानी रामसागर तालाब से निकली थी जब मूर्ति निकली तो वहां पर मुस्लिम समय तक समाज का पवित्र चांद भी निकला, इस तरह ठाकुर निहाल सिंह जी ने माता की स्थापना के साथ वहां पर एक हरा पवित्र सर सैयद बाबा का 786 वाला चादर भी आई स्थापित किया गुंडरदेही विधानसभा के पूर्व विधायक एवं मंदिर समिति के संस्थापक राज परिवार के सदस्य राजेंद्र कुमार राय ने बताया कि उनके दादा जी ठाकुर निहाल सिंह जो 52 गांव के जमींदार थे उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कार्य क्षेत्र के अंतिम जमींदार थे

मंदिर से कुछ दूरी पर मजार

मंदिर के कुछ दूरी पर मजार स्थित है यहां जहां दोनों समुदाय के लोग पूजा अर्चना करते हैं यहां मंदिर का दरवाजा खोलने से पहले सैयद बाबा की मजार का लोबान और धूप दिखाया जाता है बताया जाता है कि चंडी मां की पूजा अर्चना के साथ मुस्लिम समाज का पताका का इतिहास 100 वर्ष पुराना है यहां चंडीमंदिर से मजार में पहली चादर चढ़ती है यहां सांप्रदायिक सौहार्द एवं सद्भावना का माहौल हमेशा बना रहा कभी कोई दिक्कत नहीं आई कई सालों से मुस्लिम समाज को चंडीमंदिर की सेवा करते आ रहे हैं पिछले दिनों ट्विटर पर यह तस्वीर पोस्ट की गई थी

पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद

प्रशासन को इस बात की चिंता सता रही कि कोई साम्प्रदायिक विवाद निर्मित न हो,पिछले दिनों ट्विटर पे यह तस्वीर पोस्ट की गई तो तरह-तरह के टिप्पणी अलग अलग विचारधारा के लोगों की तरफ से की गई, मामला हिन्दू मुस्लिम समाज से जुड़ा हुआ था, इसलिए एहतियातन गुंडरदेही में पुलिस जवान चप्पे चप्पे पर तैनात थे,पल पल की मॉनिटरिंग भी की जा रही थी ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं हो।

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