अमित जोगी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर घेराव करने पहुचे कलेक्ट्रेट
बीजापुर। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बीजापुर में डीएमएफ में नान से बड़ा घोटाला का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिले को 700 करोड़ प्रतिवर्ष डीएमएफ के तहत मद प्राप्त है, लेकिन यह पैसा जिले के विकास पर खर्च ना होकर लूट का जरिया बना हुआ है. उन्होंने कहा कि 20 सालों में यहां लगभग 14 हजार करोड़ का घोटाला डीएमएफ में हुआ है, जिसकी शिकायत वे जल्द ही ईडी, सीबीआई से करेंगे.

अमित जोगी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट घेराव का नेतृत्व करने बीजापुर पहुंचे थे. पांच सूत्रीय मांग को लेकर कलेक्ट्रेट घेराव करने निकले जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बेरिकेडिंग के नजदीक गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन किया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही नारेबाजी करते बेरिकेड्स पर चढ़ाई कर दी और सुरक्षा घेरा तोड़ अंदर दाखिल हो गए. इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ जमकर झूमा-झटकी हुई.
अमित जोगी ने इस दौरान सवाल किया कि शहीद कांग्रेसी नेताओं के परिजनों को भूपेश सरकार डिप्टी कलेक्टर की नौकरी दे सकती हैं तो मृत शिक्षकों की बेवाओं को अनुकम्पा के रूप में भृत्य जैसी मामूली नौकरी देने में असमर्थ क्यों है.
अमित ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के चलते बीजापुर में कर्मचारी वर्ग उद्वेलित है. जगह-जगह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक आन्दोलन पर हैं. बीजापुर की पहचान अब आन्दोलनपुर के रूप में हो चली है. भूपेश सरकार ने सत्तासीन होते 10 दिनों के भीतर नियमितीकरण का वायदा किया था, जो साढ़े चार साल बाद भी पूरे नही हुए. उधर यूपी में प्रियंका गांधी संविदा नहीं सम्मान का नारा दे रही हैं.
सिलगेर गोलीकांड की जांच क्यों नहीं?
अनुकम्पा, नियमितीकरण के अलावा सिलेगर गोलीकांड को लेकर भी अमित जोगी सरकार पर बरसे. उनका कहना था जब सारकेगुड़ा, एड्समेटा गोलीकांड की न्यायिक जांच हो सकती है तो सिलगेर की क्यों नहीं, क्या वजह है कि मारे गए निहत्ते आदिवासियों को सरकार न्याय देना नहीं चाहती. मुख्यमंत्री जब लखीमपुर जाकर वहां पीड़ित किसानों के परिवारों को मुआवजा बांट सकते है तो सिलगेर में मारे गए आदिवासी लोगों के परिवारों को मुआवजा देने में देरी क्यों हो रही है.