सरकारी अस्पताल में खून की जांच नहीं, एक और बच्चे की मलेरिया से संदिग्ध मौत
शव रखकर पीएचसी में प्रदर्शन


कोटा ब्लॉक के पीएचसी बेलगहना का  मामला

बिलासपुर :- कोटा ब्लॉक में एक और संदिग्ध मलेरिया पीड़ित बच्चे की मौत हो गई। सरकारी अस्पताल में खून जांच करने से मना कर दिया था। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलगहना के सामने शव रख कर उम्र प्रदर्शन किया।


कोटा जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत कहीकछार में 9 वर्षीय बच्चें की मौत हो गई । परिजनों ने आरोप है कि बेलगहना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में  शनिवार को इलाज के लिए बच्चे को ले जाया गया था। मृतक बच्चे की मां दुर्गा बसोर के मुताबिक अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने खून जांच के लिए पर्ची लिखी. जिसे लेकर वो खून जांच के लिए गई । जहां पदस्थ लैब टेक्नीशियन ने भगा दिया। इसके कारण उसका इलाज नहीं हो पाया. बुखार कम नहीं हुआ और सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर गुस्साए ग्रामीण बच्चे के शव को लेकर बेलगहना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां दरवाजे पर शव को रख कर उग्र प्रदर्शन किया । गौर तलब है कि इस इलाके में कथित रुप से  मलेरिया से चार बच्चे की मौत महीने भर पहले ही हुई है।

इसके बाद भी मलेरिया को लेकर जमीनी स्वास्थ्य अमला गंभीरता नहीं हैं । वहीं जिला प्रशासन तो मलेरिया से हुई मौत को सिरे से खारिज करता है । कागजों में तो अभी भी स्वास्थ्य अमला हर रोज गांव गांव जाकर खून जांच और मरीजों की पहचान के आंकड़े जमा कर रहा है।  ऐसे में एक और बच्चे की मौत इलाज के बिना हो जाने से जिला और स्वास्थ प्रशासन की कवायद पर सवाल उठना स्वाभाविक है  ।

गौरतलब है  कि 15 जुलाई के बाद बेलगहना क्षेत्र के गांवों में जांच के बाद अब तक 165 से  अधिक मलेरिया पीड़ित मरीजों की पहचान हो चुकी है। गांवों में मलेरिया पीड़ित मरीजों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है।  इन सब के बाद स्वास्थ्य अमले की लापरवाही भी कम होती नहीं दिख रहा।

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