निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के आंकड़े ईमानदारी से सामने आए तो संभव हो तस्वीर और भयावह हो…?
रतनपुर। बीते नौ दिन में डायरिया के 137 गंभीर मरीज इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किए गए। हर दिन औसत रुप से 15 पीड़ित, जिस शाम डिप्टी सीएम मरीजों से मिलने पहुँचे, उस दिन भी शाम तक डायरिया के 12 गंभीर नए मरीज भर्ती हुए। पहले से भर्ती 18 गंभीर मरीजों का इलाज भी जारी था । यानी जमीनी हालात में कोई सुधार नहीं । हालात जस के तस । ये अस्पताल का आईपीडी भर्ती रजिस्टर ही बता रहा
डिप्टी सीएम साव बोले स्थिति पर काबू पा लेंगे. जिम्मेदारी पर गोलमोल जवाब …
शहर के साथ अंचल के गांवों में 6 जुलाई से पसरा डायरिया नौ दिन बाद भी नियंत्रण की स्थिति में नहीं है । बीते नौ दिन में 137 डायरिया पीड़ित गंभीर मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में भर्ती कराया गया। इनमें से हालत में सुधार होने पर 97 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है वहीं 31 गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है ।

औसतन हर दिन 15 डायरिया पीड़ित गंभीर मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया जा रहा है। रविवार को ही 12 गंभीर मरीजों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। वहीं बीते नौ दिन में हालत खराब सुधार नहीं होने पर सीएचसी रतनपुर से आठ मरीजों की हालत में सुधार नहीं होने पर बेहतर इलाज के लिए उच्च संस्थान रेफर किया गया।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव रविवार की शाम रतनपुर अंचल पसरी डायरिया के भर्ती गंभीर मरीजों के कुशलक्षेम पूछने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर पहुँचे। रविवार को भी रतनपुर सहित आसपास के गांवों के 12 गंभीर मरीजों को भर्ती कराया गया। बीते दिनों भर्ती 18 गंभीर मरीजों का भी इलाज जारी था। अस्पताल में भर्ती मरीजों से भेंट कर स्वास्थ्य की जानकारी ली।

निरीक्षण के बाद पत्रकारों से चर्चा करते डिप्टी सीएम साव ने बताया सीएचसी रतनपुर में अभी 31 मरीज भर्ती हैं । जिनका इलाज किया जा रहा है । बहुत जल्दी इस पर काबू पा लेंगे । उन्होंने कहा डायरिया की रोकथाम के लिए जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन के अफसरों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। आस पास के गांवों में डायरिया का प्रकोप है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आकर मरीजों से मिला। प्रशासनिक अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत किया है । पहले से प्रशासन सतर्क था मौसमी बीमारियों को लेकर जिले की बैठक में भी मौसमी बीमारियां के बचाव के आवश्यक उपाय करने निर्देशित किया था। रतनपुर शहर और आसपास गांवों में डायरिया के मरीज आ रहे हैं अब स्थिति नियंत्रण में है।पूरी चिकित्सा सुविधाएं मरीजों को मिल रही है l घरों मे जाकर अधिकारी सर्वे भी कर रहे हैं । कोटवार के माध्यम से मुनादी भी करा रहे है।
जांच पड़ताल हो रही
डिप्टी सीएम साव ने कहा पंचायत, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहे हैं। जिन कारणों से डायरिया का प्रकोप हुआ है। उसकी जांच पड़ताल हो रही है। उसके लिए भी उपाय प्रशासन के द्वारा किए जा रहे हैं । मरीजों से बातचीत की, उनके परिजनों से भी चर्चा किया। चिकित्सकों की टीम इलाज में लगे हैं गांवों में भी जा रहे हैं। मरीजों को चिंहित कर अस्पताल लाकर भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से डायरिया रोकने और पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए भी काम कर रही है। हम उम्मीद करते हैं बहुत जल्दी ये प्रकोप थमेगा।
डायरिया से बचने उपाय बताए
डिप्टी सीएम साव ने कहा उबला पानी पीयें, सावधान रहें , थोड़ा सा भी लक्षण दिखे तो हॉस्पिटल जाएं, उनके इलाज की सारी व्यवस्था मौजूद हैं।
“इकबाल” कैसा ये तो सीएमएचओ की गैरमौजूदगी बता गई
शहर में नागरिकों के घरों में सरकारी पानी के नलों से बैक्टीरिया की हो रही सप्लाई । ये सिम्स बिलासपुर को भेजी गई पानी की जांच कह रही। फिर भी जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं। सीएचसी में कितने डॉक्टर सेवा दे रहें वहां लगे सीसीटीवी कैमरे के रिकॉर्ड देख कर ही पता लगालें। आपका इकबाल कैसा ये तो सीएमएचओ की गैरमौजूदगी बता गई । अब समझिये नौ दिन गुजर गए मरीज मिलने कम नहीं हुए. तो समझा जा सकता है। कि सरकारी अमला कैसे और कहां काम कर रहा। ये तो सिर्फ रतनपुर सीएचसी में भर्ती मरीजों की ही रिपोर्टिंग है। निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के आंकड़े ईमानदारी से सामने आए तो संभव हो तस्वीर और भयावह हो…?