अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई टाइटन नाम की पनडुब्बी (सबमरीन) का मलबा मिला है. इस बात की भी आशंका है कि सबमरीन में सवार सभी पांचों की मौत भी हो चुकी है. बता दें कि लापता पनडुब्बी को 96 घंटे से भी ज्यादा का समय हो चुका है. ऐसे में उसमें मौजूद ऑक्सीजन भी लगभग खत्म हो चुकी है.
अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई टाइटन नाम की पनडुब्बी (सबमरीन) का मलबा मिला है. खोजकर्ता अमेरिकी कोस्टगार्ड ने कहा है कि उन्हें डूबे हुए टाइटैनिक के पास कुछ मलबा मिला है, इसे निकालने की कोशिश जारी है. इस बात की भी आशंका है कि सबमरीन में सवार सभी पांचों की मौत भी हो चुकी है. बता दें कि लापता पनडुब्बी को 96 घंटे से भी ज्यादा का समय हो चुका है. ऐसे में उसमें मौजूद ऑक्सीजन भी लगभग खत्म हो चुकी है.

टाइटन जब रविवार सुबह छह बजे अपनी यात्रा पर रवाना हुआ था तो चालक दल के पास केवल चार दिन के लिए ही ऑक्सीजन थी.टाइटैनिक का मलबा देखने के इस अभियान का नेतृत्व कर रही कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक कारोबारी घराने के दो लोग और एक टाइटैनिक विशेषज्ञ इस पनडुब्बी पर सवार हैं. ओशियनगेट एक्सपीडिशंस इस अभियान की निगरानी कर रही थी.
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 और 2022 में टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए कम से कम 46 लोगों ने सफलतापूर्वक ओशियनगेट की पनडुब्बी में यात्रा की थी.टाइटैनिक का मलबा देख चुके जर्मनी के सेवानिवृत्त कारोबारी आर्थर लोइबल ने दो साल पहले की इस रोमांचकारी यात्रा को ‘कामीकेज (आत्मघाती) अभियान’ बताया. उन्होंने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि धातु की कुछ मीटर लंबी एक ट्यूब होती है. आप खड़े नहीं हो सकते. आप घुटने के बल नहीं बैठ सकते. सभी एक-दूसरे से चिपककर बैठते हैं.
आप के अंदर किसी संकरी जगह में बैठने का डर नहीं होना चाहिए.’उन्होंने बताया कि ऊर्जा बचाने के लिए पनडुब्बी में लाइट बंद कर दी जाती है और बस एक फ्लोरोसेंट ट्यूब से रोशनी आती है. आर्थर ने बताया कि बैटरी में समस्या और संतुलित भार के कारण उनकी यात्रा में बार-बार देरी हुई और उसमें कुल 10.5 घंटे लगे. इस पनडुब्बी पर सवार यात्रियों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी नागरिक शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान और टाइटैनिक विशेषज्ञ पॉल-हेनरी नार्गियोलेट शामिल हैं.
