छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार प्रदेश में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को सहज एवं सुलभ बनाकर किसानों को को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है ठीक इसके विपरीत जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में संचालित पशुपालन विभाग अपनी मनमानी करते हुए शासन के नियमों को दरकिनार कर अपना अलग नियम बनाकर कार्य कर रहा है

प्राप्त जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग में पदस्थ सहायक संचालक के द्वारा अपने पद का दुरउपयोग किया जा रहा है विभाग की जिम्मेदारी होती है की वह किसानों की सहायता करें किसान को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाएं ठीक इसके विपरीत जब कोई किसान पशुपालन विभाग के सहायक संचालक व्ही के पटेल के पास जानकारी अथवा सहायता के लिए जाता है तो उसके साथ सहायक संचालक व्ही के पटेल के द्वारा बदसलूकी एवं दुर्व्यवहार कर वहां से भगा दिया जाता है
अभी हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां पर अंडी निवासी दुर्गेश साहू पशुपालन विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी के लिए सहायक संचालक व्ही के पटेल के कार्यालय गए थे जहां पर सहायक संचालक व्ही के पटेल के द्वारा उनके साथ बदसलूकी व दुर्व्यवहार किया गया जिससे क्षुब्ध होकर दुर्गेश साहू के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ईमेल अथवा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से चाही गई थी जो विधि संगत है ठीक इसके विपरीत जन सूचना अधिकारी व्ही के पटेल के द्वारा उन्हें भारी-भरकम बिल के साथ पत्र प्रेषित किया गया इससे साफ समझा जा सकता है कि विभाग द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के प्रमाण को छुपाने का किस तरह अथक प्रयास किया जा रहा है

सूचना के अधिकार अधिनियम में शुल्क जमा करने के लिए पोस्टल आर्डर, स्टांप पेपर, चालान, नगद आदि का प्रावधान है परंतु जन सूचना अधिकारी पशुपालन विभाग के द्वारा अपने बने बनाए गए नियमों का हवाला देकर नकद रकम लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया जाता है जो कि सरासर सूचना के अधिकार का खुला उल्लंघन है यह सब शायद इसलिए भी किया जा रहा है कि इनके द्वारा किया गया भ्रष्टाचार कहीं उजागर ना हो जाए सहायक संचालक के इस प्रकार के व्यवहार एवं कृत्यो की शिकायत सक्षम अधिकारियों के साथ-साथ राजभवन रायपुर से की गई थी जिसे संज्ञान में लेकर उप सचिव राज भवन ने छत्तीसगढ़ पशुपालन एवं मछली पालन विभाग के सचिव को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया है।
