नौकरी वालों के लिए अच्छी खबर, EPFO ने PF पर बढ़ाई ब्याज दर

नौकरी पेशे वालों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान किया है। इसी के साथ वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.15 फीसदी तय कर दी गई है। वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह दर 8.10 फीसदी थी।

EPF खातों में ब्याज दर जमा करना होगा शुरू

अब वित्त मंत्रालय की घोषणा के बाद ईपीएफओ के ईपीएफ खातों में ब्याज दर जमा करना शुरू करेगा। यह अधिसूचित ब्याज दर स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) जमा पर भी लागू होगी। ऐसे में वे कर्मचारी जिनके ईपीएफ खाते छूट प्राप्त ट्रस्ट के पास हैं, उन्हें भी उनके ईपीएफ डिपॉजिट पर यह ब्याज दर प्राप्त होगी। ईपीएफ की ब्याज दर 8.15 किया जाना सदस्यों को आय में वृद्धि की गारंटी देता है। वहीं, 8.15 फीसदी की ब्याज दर और 663.91 करोड़ का सरप्लस पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।

CBT की बैठक का फैसला

बताना चाहेंगे, इस संबंध में ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट (CBT) यानि केंद्रीय न्यासी बोर्ड की दो दिवसीय बैठक हुई। ये दो दिवसीय बैठक नई दिल्ली में 27 मार्च 2023 को शुरू हुई थी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने की। CBT ने अपनी दो दिवसीय बैठक में चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने का निर्णय लिया है। बैठक से पूर्व कई विशेषज्ञों द्वारा इस बात का अंदाजा भी लगाया जा रहा था कि ईपीएफओ (EPFO) चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF पर ब्याज दर का ऐलान कर सकता है। 28 मार्च को केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान कर दिया।

सदस्यों को उच्च आय वितरित करने में सक्षम रहा EPFO

ज्ञात हो, ईपीएफओ पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम ऋण जोखिम के साथ विभिन्न आर्थिक चक्रों के माध्यम से अपने सदस्यों को उच्च आय वितरित करने में सक्षम रहा है। ईपीएफओ निवेश के क्रेडिट प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए, ईपीएफओ की ब्याज दर ग्राहकों के लिए उपलब्ध अन्य तुलनीय निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक है। ईपीएफओ ने सावधानी और विकास के दृष्टिकोण के साथ मूलधन की सुरक्षा और संरक्षण पर सबसे अधिक जोर देते हुए निवेश के प्रति विवेकपूर्ण और संतुलित दृष्टिकोण का लगातार पालन किया है।

EPFO सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठन में से एक

सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठन में से एक होने के नाते ईपीएफओ इक्विटी और पूंजी बाजार में अस्थिरता की अवधि के दौरान भी अपने ग्राहकों को उच्च सुनिश्चित ब्याज दर प्रदान करके अपने उद्देश्य पर खरा रहा है। ईपीएफओ द्वारा अपनाए गए निवेश के रूढ़िवादी लेकिन प्रगतिशील दृष्टिकोण के मिश्रण ने इसे पीएफ सदस्यों के लिए एक बुद्धिमान विकल्प बना दिया है।

अधिक पेंशन की खातिर आवेदन के लिए कब तक का समय ?

CBT की बैठक में अधिक पेंशन की खातिर आवेदन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने का वक्त देने संबंधी जो आदेश दिया था, उस पर ईपीएफओ ने क्या कार्रवाई की है, इस बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। दरअसल ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को तीन मई, 2023 तक का समय दिया है।

उल्लेखनीय है कि ईपीएफओ ने मार्च, 2022 में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी ज्यादा समय के निचले स्तर 8.1 फीसदी पर ले आया था। ईपीएफ पर ब्याज दर वित्त वर्ष 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ फीसदी हुआ करती थी। इससे पहले मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 7 महीने के निचले स्तर 8.5 फीसदी पर ला दिया था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यह दर 8.65 फीसदी थी।

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